आखिरकार जम्मू-कश्मीर से विवादास्पद धारा 370 को हटा ही दिया गया है। हालांकि पिछले सप्ताह भर से जिस तरह से जम्मू-कश्मीर के हालात थे, वहां पर सुरक्षाबलों की तादाद बढ़ाई गई थी। अलगाववादी नेताओं को नजरबंद किया गया था। जगह-जगह सुरक्षा बढ़ाई गई थी और अमरनाथ यात्रा स्थगित की गई थी उसके बाद ये कयास लगाए जा रहे थे कि कुछ बड़ा होने वाला है और ये बड़ा आखिर सामने आ ही गया। जम्मू-कश्मीर से न केवल धारा 370 हटी है बल्कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बन गए हैं। इस पूरे घटनाक्रम के पीछे मोशाद MOSHAD की तिकड़ी का हाथ होने की बात कही जा रही है। हम मोसाद MOSAD यानी इज़रायल की खुफिया एजेंसी का बात नहीं कर रहे हैं बल्कि MODI SHAH और DOVAL की तिकड़ी की बात कर रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा सलाहकार अजित डोवाल ये तीन लोग ही थे जिन्हें अच्छी तरह पता था कि कश्मीर में क्या होने जा रहा है और 5 अगस्त 2019 के ऐतिहासिक दिन जो घटनाक्रम हुआ उसकी पूरी रणनीति इन तीन लोगों ने ही तैयार की थी। विपक्ष के नेताओं ने भी बार-बार कहा था कि ये तीन लोग ही जानते हैं कि कश्मीर में क्या होने जा रहा है और आज इसका खुलासा हो गया कि ये मोशाद MOSHAD की इस तिकड़ी के मन में क्या चल रहा था। नरेंद्र मोदी की राजनैतिक इच्छाशक्ति, अमित शाह की क्रियान्वयन की क्षमता और फ्लोर मैनेजमेंट के अलावा अजित डोवाल की सामरिक रणनीति ने इसको संभव बनाया। काफी पहले से कश्मीर में सुरक्षाबलों को सशक्त बनाकर उनकी संख्या बनाकर इस संकल्प के लिए जमीन तैयार की जा रही थी। बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में भी इस बात की घोषणा की थी कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाई जाएगी और मोशाद MOSHAD की तिकड़ी ने इसको संभव कर दिखाया।