19 वीं शताब्दी के पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं के साथ ऐसा सौतेला व्यवहार किया जाता था कि 1869 में डॉक्टरी की पढ़ाई करने के लिए दाखिला लेने वाली 7 महिलाओं को 150 साल बाद जाकर डॉक्टर की डिग्री मिल पाई है। माना जा रहा है कि ये 7 महिलाएं दुनिया की पहली महिला डॉक्टर हैं। इन 7 महिलाओं ने एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी में मेडिकल की पढ़ाई के लिए दाखिला लिया था लेकिन पुरुष साथियों ने उन्हें डिग्री दिए जाने का विरोध किया। महिलाओं ने इस लैंगिक भेदभाव के खिलाफ आवाज़ उठाई और करीब 8 साल बाद महिलाओं के यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने को लेकर कानून बनाया गया। इन महिलाओं की अगुआई जेक्स ब्लेक नामक महिला ने की जिनकी कोशिशों के बाद 1894 में एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी ने महिलाओं को ग्रेजुएशन की पढ़ाई का अधिकार दिया और 1896 में पहली महिला डॉक्टर को ग्रेजुएशन की डिग्री मिल पाई। वहीं 1869 में दाखिला लेने वाली 7 महिलाओं को अब 150 साल बाद एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी के मैकएवन हॉल में समारोहपूर्वक डिग्री दी गई है। खास बात ये है कि इन महिलाओं में से अधिकांश को मरे हुए भी सौ साल से ज्यादा का समय हो चुका है। इन महिलाओं की ओेर से प्रतीकात्मक रूप से 7 मेडिकल छात्राओं ने ये डिग्री ली।