एक तरफ मध्यप्रदेश सरकार किसानों का कर्ज माफ करने की बात कर रही है वहीं अभी भी कर्ज से परेशान किसानों की आत्महत्या का सिलसिला थमा नहीं है।
खण्डवा के पंधाना से 15 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम अस्तरीया में जुवान सिंग आदिवासी ने अपने खेत पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या का कारण बैंक से लिया हुआ तीन लाख का कर्ज बताया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर आमदनी का जरिया जो खेती थी उसका बोर भी सूख गया था जिसके चलते फसल पूरी जलकर खाक हो चुकी थी। इस आत्महत्या के बाद फिर से प्रदेश में किसानों को लेकर सियासी सरगर्मी शुरु होने लगी है।