मध्य प्रदेश में 1 जुलाई के बाद से अब तक 5 प्रतिशत कम बारिश हुई है. इससे पहले राज्य में 62 प्रतिशत बारिश हुई थी. मानसून की इस बेरुखी से जमीन 1 फीट से ज्यादा सूख गई है. इसकी वजह से मौसम आधारित खेती को भी नुकसान पहुंच रहा है. इसका सबसे ज्यादा असर सोयाबीन की फसलों पर पड़ रहा है. के लिए . मौसम विज्ञान विभाग की मानें तो भोपाल संभाग के सहित कई अन्य जिलों में इस बार भारी बारिश के आसार कम है. क्योंकि इन इलाकों से ट्रफ लाइन मानसून देश के उत्तरी हिस्से में शिफ्ट हो गया है. मौसम विभाग के मुताबिक 1 जुलाई से 19 जुलाई तक सामान्य से कम बारिश वाले जिलों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है. इससे इन जिलों में किसानों की भी चिंता बढ़ गई है.
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