जामिया मिलिया की इन दो आक्रमक स्टूडेंट्स का वीडियो सबने देखा. अपने साथी को बचाने के लिए लदीदा सखलून और आयशा रेहना पुलिस से भी भिड़ गई थीं. इस वीडियो के वायरल होते ही ये दोनों सीएए और एनआरसी के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन की पोस्टर गर्ल बन गईं. जिसमें सेएक लदीदा सखलून केरल की रहने वाली हैं. और वहां एसआईओ यानि कि स्टूडेंट इस्लामिक ऑरगेनाइजेशन की एक्टिव मेंबर भी हैं. लदीदा शादीशुदा हैं और उनके पति भी इसी ऑरगेनाइजेशन के एक्टिव मेंबर हैं. प्रदर्शन के बाद से लदीदा का पुराना फेसबुक अकाउंट ब्लॉक कर दिया गया. हालांकि लदीदा ने नया एकाउंट बना लिया है और ट्विटर पर भी एक्टिव हो गई हैं. उनके एफबी पेज की जो तस्वीरें वायरल हो रही हैं उन्हें देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि लदीदा कितनी कट्टरपंथ हैं. जिसमें जेहाद, हिजाब जैसी बातों की भरमार है.
उनकी दूसरी साथी आयशा का फेसबुक भी कुछ ऐसी ही कट्टरपंथी सोच की तरफ इशारा करता है. इस प्रदर्शन के बाद आयशा ने पोस्ट डाला है जिसमें उन्होंने साफ साफ लिखा है कि हिंदुत्व हिस्ट्री का हिस्सा बनने की जगह जामिया के छात्रों ने अपना खुद का इतिहास बनाया है. देश के दुश्मन आतंकियों के प्रति भी आयशा का सहानुभूति साफ नजर आती है. याकुब मेमन को याद करते हुए आयशा ने लिखा है. याकुब मेमन हमें माफ करो, इस फासिस्ट देश में हम केवल रिग्रेट ही कर सकते हैं.
सिर्फ आयशा ही नहीं आयशा के पति अफजल रहमान सीए का फेसबुक अकाउंट भी चौंकाता है. अफजल पेशे से पत्रकार हैं. जिनकी एक पोस्ट में लिखा है अफजल गुरू, याकुब मेमन को याद करना फर्ज है. ताव में आकर युवाओं ने इन दोनों को अपना आइकोन तो मान लिया है लेकिन इनके साथ प्रदर्शन में खड़े होने से पहले इनके इरादे जान लेना भी जरूरी हैं.