महाराष्ट्र की वोटर लिस्ट में 14 फीसदी दलित और 12 फीसदी मुस्लिम आबादी के नाम दर्ज हैं. यानि सरकार खड़ी करने के में मददगार ये एक अच्छा खासा आंकड़ा है. पिछले काफी समय से कवायद जारी है कि इस वोट बैंक में सेंध लगाई जा सके. लेकिन बसपा सपा जैसी पार्टी इस प्रदेश में कभी पैर जमा नहीं सकीं. और बीजेपी कांग्रेस इस तबके के वोटर्स को अपना बना नहीं सकीं. इसका फायदा उठाने की कोशिश की थी वंचित बहुजन अघाड़ी यानि कि वीबीए पार्टी ने. ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लमीन के चीफ असदुद्दीन ओवैसी और दलित नेता प्रकाश अंबेडकर ने मिल कर ये पार्टी बनाई और नारा दिया जय भीम- जय मीम. लेकिन न ये नारा चल सका और न ही ये गठबंधन. इन दोनों का साथ छूटते ही ये नारा भी बुखरकर रह गया. यानि एक जो कोशिश थी एक अलग तबके को सादकर बड़े दलों को चुनौती देने की वो खत्म हो चुकी है.
बता दें कि इसी साल लोकसभा चुनाव में प्रकाश अंबेडकर के साथ मिलकर ओवैसी की पार्टी AIMIM महाराष्ट्र की औरंगाबाद संसदीय सीट जीतने में कामयाब रही थी. साथ ही प्रदेश में 14 फीसदी वोट हासिल करके इस गठबंधन ने सबको हैरान कर दिया था. ओवैसी-अंबेडकर गठबंधन के चलते महाराष्ट्र की 12 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस-एनसीपी को हार का सामना करना पड़ा था.
लेकिन अब ये गठबंधन प्रदेश में ज्यादा एक्टिव नजर नहीं आ रहा. जिससे साफ है कि बीजेपी या कांग्रेस दोनों में से जो भी थोड़ा जोर लगाएगी वो इस बड़े वोट बैंक को अपना बना सकती है.