हैदराबाद में एक डॉक्टर युवती के साथ गैंगरेप फिर उसकी बेरहमी से हत्या, उसके बाद एक पांच साल की बच्ची से रेप और गला दबा कर उसकी हत्या. एक के बाद एक रेप की ऐसी घटनाएं जिन्हें सुनकर दिल दहल जाए. ऐसी घटनाएं इन दिनों देश में आम हो चुकी हैं. दिल्ली में सात साल पहले हुए निर्भया रेप केस के बाद से तो लगता है कि लड़कियों से दरिंदगी के मामले थम ही नहीं रहे हैं. बल्कि जितने प्रयासों और कानूनों की बात हो रही है उसके बाद से ये मामले पहले से ज्यादा विभत्स और भयानक हो रहे हैं. निर्भया से पहले भी हालात कुछ खास बेहतर नहीं थे.
नवंबर 1973 में अरुणा शानबाग रेप केस मामला काफी चर्चित रहा था. अरुणा शानबाग मुंबई के किंग एडवर्ड मेमोरियल हॉस्पिटल में नर्स थी. अरुणा शानबाग का हॉस्पिटल के ही एक वॉर्ड बॉय सोहनलाल भरथा वाल्मिकी ने बुरी तरह से रेप किया. रेप और हमले ने अरुणा शानबाग के दिमाग को गंभीर चोट पहुंचाई. अरुणा कोमा में चली गई. 42 साल तक कोमा में रहने के बाद 2015 में अरुणा शानबाग का निधन हो गया. इस रेप केस ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था. 42 साल बेसुध पड़े रहने बाद बिना इंसाफ मिले ही अरूणा इस दुनिया से रुखसत हो गईं.
1990 में हुआ हेतल पारिख रेप केस मामला भी काफी चर्चित रहा था. कोलकाता में एक 14 साल की लड़की की रेप करके हत्या कर दी गई थी. मामले के आरोपी धनंजय चटर्जी को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई. 2004 में धनंजय चटर्जी को फांसी पर लटका दिया गया. यानि आखिरी फांसी 15 साल पहले हुई.
1996 का प्रियदर्शिनी मट्टू केस भी सुर्खियों में रहा था. प्रियदर्शिनी मट्टू लॉ स्टूडेंट थी. मट्टू दिल्ली के अपने फ्लैट में मृत पाई गई थीं. बाद में पता चला कि उनके साथ रेप भी हुआ था. इस मामले में प्रियदर्शिनी मट्टू के दोस्त संतोष कुमार सिंह को आरोपी बनाया गया. पूर्व सीनियर पुलिस अधिकारी के बेटे संतोष कुमार सिंह को कोर्ट ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया.
बाद जनता के दबाव पर मामले की दोबारा जांच हुई. उसके बाद संतोष सिंह को फांसी की सजा सुनाई गई, जो बाद में आजीवन कारावास में बदल दी गई.
रेप और गैंगरेप के हर बड़े मामले के बाद 2012 के निर्भया केस को जरूर याद किया जाता है. दिल्ली में दिसंबर 2012 में 23 साल की एक छात्रा का चलती बस में गैंगरेप हुआ था. इस रेप को जिस भयानक तरीके से अंजाम दिया गया था उससे पूरा देश दहल गया था. इस मामले में एक नाबालिग के साथ 5 आरोपी पकड़े गए. एक आरोपी ने मामले के ट्रायल के दौरान ही फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. नाबालिग आरोपी 3 साल तक सुधारगृह में रहने के बाद छूट गया. बाकी के 4 आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई गई है. लेकिन सजा पर अमल अब तक नहीं हुआ है. यानि सात साल बाद भी निर्भया का परिवार इंसाफ के लिए तरस रहा है.
जनवरी 2018 में हुआ कठुआ रेप और मर्डर केस ने भी पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. कश्मीर के कठुआ में 8 साल की एक मुस्लिम लड़की को मंदिर में बंधक बनाकर रखा गया. बच्ची को ड्रग्स देकर एक हफ्ते तक बंधक बनाकर रखा गया और उसके साथ बार-बार बलात्कार हुआ. बाद में पत्थर से कुचलकर उसकी हत्या कर दी गई. इस मामले में 6 लोगों पर दोष साबित हुआ है. इसमें एक पुजारी और तीन पुलिस अफसर भी शामिल हैं. तीन आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है.
जुलाई 2018 में चेन्नई का एक रेप केस सुर्खियों में रहा. 12 साल की एक लड़की के साथ 7 महीने तक रेप होता रहा. इस मामले में 18 लोगों पर आरोप तय हुए. इन लोगों ने ड्रग्स देकर लड़की के साथ लगातार बलात्कार किया था. फिर एक खाली अपार्टमेंट ले जाकर लड़की के साथ मारपीट भी करते थे.
ऐसे रेप केसे की गिनती अनगिनत है. जिन्होंने देश को दहलाया लेकिन माकूल सजा का इंतजार आज भी है.