वीओ- राजस्थान में भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच तू डाल डाल तो मैं पात पात का गेम चालू है. इस बार सीएम गहलोत पायलट के दांव के आगे चित हो गए हैं. क्योंकि पायलट ने बड़ी चतुराई से हाईजैक कर लिया है सीएम का हाईब्रिड फॉर्मूला. सिर्फ हाईजैक ही नहीं किया बल्कि इस फॉर्मूले को जड़ से मिटाने की तैयारी भी कर ली है. दरअसल गहलोत सरकार ने निकाय चुनाव में हाईब्रिड फॉर्मूला सूझाया. जिसके मुताबिक वहां मेयर या निगम अध्य़क्ष वो व्यक्ति भी बन सकता है जो पार्षद का चुनाव लड़े ही ना या फिर हार चुका हो. सचिन पायलट समेत दो अन्य मंत्रियों ने इस फॉर्मूले पर आपत्ति जताई है. ये विवाद आलाकमान के दरबार में भी गूंज चुका है. इस मसले पर सचिन पायलट ने कहा कि देश के किसी भी राज्य में इस तरह का प्रावधान नहीं है और बेवजह दूसरे लोगों को पार्टी के खिलाफ बोलने का मौका नहीं दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस मसले को लेकर सबकी राय आ चुकी है और यह सिद्धान्तों की बात है. पायलट ने हाइब्रिड फॉर्मूले को पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाओं के भी विपरीत बताया और कहा कि बीच का रास्ता निकालने की बजाय कार्यकर्ताओं को मौका देना ज्यादा जरूरी है. विरोध इतना मुखर है कि ये मान जा रहा है कि गहलोत बहुत जल्द ये फैसला वापस ले लेंगे.