रतलाम के एक स्कूल में चल रहे पुराने घटनाक्रम पर जरा नजर डालिए. स्कूल में वीर सावरकर के कवर वाली कॉपियां बंटती हैं. राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त प्राचार्य को निलंबित कर दिया जाता है. उस प्राचार्य की खातिर बच्चे सड़क पर आकर विरोध छेड़ देते हैं. परीक्षा हो या न हो लेकिन उन्हें प्राचार्य स्कूल में वापस चाहिए. बीजेपी की छाती चौड़ी हो जाती है कि प्राचार्य आरएसएस की मानसिकता वाला है. लेकिन उस प्राचार्य को एक मिनट नहीं लगता तमाम बाजी पलटने में. ये प्राचार्य हैं आरएन केरावत. कल तक जिनके समर्थन में कल तक बीजेपी विधायक दिलीप मकवाना मोर्चा संभाले हुए थे. वही प्राचार्य केरावत कांग्रेस समर्थित नेता के कार्यालय में नजर आते हैं. और सारे मामले को पलटने में जरा भी देर नहीं लगाते. क्या कहना है प्राचार्य का खुद ही सुन लीजिए.