दूध की खपत हर घर में होती है, लेकिन कहीं ऐसा तो नहीं जिस दूध को आप सेहतमंद मान रहे हो वो आपकी सेहत बिगाड़ने का काम कर रहा है। मध्यप्रदेश के कई इलाकों में नकली और सिंथेटिक दूध का काला कारोबार बड़े पैमाने पर चल रहा है। स्थानीय पुलिस इस पर लगाम लगा पाने में नाकाम रही जिसके बाद स्पेशल टास्क फोर्स यानी STF ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक बड़े रैकेट का खुलासा किया है। मध्यप्रदेश के भिंड-मुरैना में कई एकड़ों में फैली नकली दूध, मावा, पनीर और दूसरे दूध के उत्पाद बनाने वाली 3 फैक्ट्रियों पर छापा मारा गया। यहां तैयार दूध-मावा मध्यप्रदेश के अलावा उत्तर प्रदेश और दिल्ली तक सप्लाई किया जा रहा था। एसटीएफ की टीम ने इन फैक्ट्रियों को केमिकल सप्लाई करने वाले विक्रेताओं पर भी कार्रवाई की है। नकली दूध बनाने वाले लोग एक लीटर दूध में पांच लीटर पानी के अलावा पाम ऑयल, शैम्पू, सोडा और कई तरह के केमिकल मिलाकर सिंथेटिक दूध तैयार करते थे। इसी दूध से मावा, पनीर और दूसरे आइटम भी बनाए जाते थे। एसटीएफ की 20 टीमों ने मुरैना के खंडेश्वरी डेयरी, लहार भिंड के गिर्राज फूड्स, गोपाल आइस फैक्ट्री और चिलिंग सेंटर पर छापामार कार्रवाई करते हुए बड़ी संख्या में शैम्पू की बोतलें, सोडा, रिफाइंड ऑयल और केमिकल के ड्रम बरामद किए हैं। खास बात ये है कि भिंड के लहार इलाके में बड़े पैमाने पर नकली दूध बनाया जा रहा है जहां से प्रदेश के सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह आते हैं। जब मंत्री के इलाके में ये हाल है तो प्रदेश के बाकी इलाकों का अनुमान लगाया जा सकता है।