सास बहू की तूतू मैंमैं, नोकझोंक, आमतौर पर हर घर की कहानी होती है. कभी सास डाल डाल तो बहू पात पात और कभी इसका उल्टा भी हो जाता है. पर अब केंद्रीय कैबिनेट ने एक नए नियम को मंजूरी दे दी है. जिसके बाद बुजुर्ग सास को परेशान करने या उनका ध्यान नहीं रखने पर बहू को छह महीने की जेल हो सकती है या भारी भरकम जुर्माना भी अदा करना पड़ सकता है. दरअसल सरकार ने मेंटिनेंस एंड वेलफेयर ऑफ पैरेंट्स एंड सीनियर सिटिजन एक्ट 2007 के तहत बुजुर्गों का ख्याल रखने की परिभाषा को और बड़ा कर दिया है. अब सिर्फ बच्चे अपने बुजुर्ग माता पिता की देखरेख के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे बल्कि बहू और दामाद भी अपने सास ससुर की देखरेख के लिए जिम्मेदार होंगे. कैबिनेट ने इस संशोधन को मंजूरी दे दी है. अब सदन में बिल पेश करने की तैयारी है. केंद्रीय सूचना व प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि बिल लाने का मकसद बुजुर्गों का सम्मान सुनिश्चित करना है.