आंगनवाड़ी का पोषण आहार तबेले और पोल्ट्री फार्म पहुंचने का मामला सामने आया है. भले ही सरकार कुपोषण दूर करने के लिए करोड़ो रुपए खर्च करके पोषण आहार आंगनबाड़ी केन्द के माध्यम से बच्चों तक पहुंचाती है, लेकिन उस सिस्टम में सबसे बड़ा फेलुअर उस काम को करने वाले कर्मचारी है जो काम को सही तरीके से नही करते. बच्चो और गर्भवती महिलाओं की जगह पशुओं का हो रहा था पोषण , आंगनवाड़ी का पोषण आहार भैसों और मुर्गे मुर्गियों को खिलाया जा रहा और आंगनवाड़ी में बच्चो की संख्या हुई कम 250 बच्चो में से महज 20 से 21 बच्चे ही पाए गए और ये हालात रोज ही बने रहते है . न्यूज लाइव एमपी डेस्क के लिए हेमंत गर्ग की रिपोर्ट