चीलर नदी को पार करने के लिये ग्रामीण ड्रम से बने इस जुगाड़ का सहारा ले रहे हैं…. चार ड्रम के साथ लकड़ी के पटियों और रस्सी के सहारे बना यह जुगाड़ बेहद जोखिम भरा है…. जरा सा संतुलन बिगड़ा तो सीधे गहरे पानी में गिरने का जोख़िम है… लेकिन इस सब के बीच मासूम हर रोज इस जुगाड़ के जरिये नदी पार कर स्कूल पहुँचते हैं…. डर तो इन्हें भी लगता है पर ये डर मजबूरी के आगे खत्म हो जाता है… क्योंकि जो दूसरा रास्ता है वो लंबा है…. जिसके कारण न चाहते हुए भी ग्रामीण जोखिम उठा रहे हैं….गांव के पास ही एक स्टॉप डेम बन जाने से बारिश के दौरान यहाँ पानी भर जाता है…. जबकि स्टापडेम बनने से पहले लोग इसी रास्ते का उपयोग करते थे… एक हजार की आबादी वाले इस गांव में खेतों पर जाने और अन्य गांवों और स्कूल तक जाने के लिये इसी खतरनाक शार्टकट का उपयोग हर रोज सैकड़ों ग्रामीण कर रहे है..