महाराष्ट्र के सियासी घटनाक्रम को देखकर मध्यप्रदेश में सरकार सकते में आ गई है. क्योंकि हर तरफ से बस एक ही अटकल लगाई जा रही है कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने के बाद मध्यप्रदेश का नंबर है. दूसरी तरफ मध्यप्रदेश के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपना स्टेटस भी बदल दिया है जिसके बाद से उनके कांग्रेस छोड़ कर जाने के कयास हैं. अगर ऐसा हुआ तो हो सकता है कांग्रेस के सिंधिया समर्थित विधायक भी सरकार का साथ छोड़ दें. लिहारा कमलनाथ सरकार ने तेजी से अपनी स्थिरता पर काम शुरू कर दिया है. बीजेपी की दो कमजोर कड़ी तो उनके हाथ में है ही. विधायक नारायण त्रिपाठी और शरद कोल. इनमें से नारायण त्रिपाठी तो कैबिनेट मंत्री जीतू पटवारी से मिल ही चुके हैं. जिसके बाद बीजेपी में हड़कंप मचा. तरह तरह की बातें हुई तो नरोत्तम मिश्रा ने मोर्चा संभाला और त्रिपाठी को वापस ले आए. अब बीजेपी की धड़कन बढ़ा रहे हैं विधायक शरद कोल. जिन्होंने जीतू पटवारी से मुलाकात की है. अब इस मुलाकात का सबब क्या है ये तो फिलहाल पता नही. पर हो सकता है कि त्रिपाठी की तरह वो भी इसे सियासी मुलाकात की ही करार करें. आपको बता दें कि विधानसभा में दोनों विधायक अपनी पार्टी के खिलाफ क्रॉस वोटिंग कर चुके हैं. तब भी यही चर्चा हुई थी कि दोनों विधायक पार्टी छोड़ सकते हैं. पर बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह ने उस वक्त भी साफ कर दिया था कि दोनों बीजेपी के ही साथ हैं.