महाराष्ट्र में ठाकरे सरकार बनाने में शरद पवार ने कितनी अहम भूमिका अदा की. ये किसी से छिपा नहीं है. अब पवार की इसी रणनीतिक पावर का इस्तेमाल कर एमपी की कमलनाथ सरकार ने मध्यप्रदेश को सादने का फैसला कर लिया है शायद है. इसका संकेत तब मिला जब एक कार्यक्रम में शरद पवार और सीएम कमलनाथ एक साथ नजर आए. ये कार्यक्रम टंट्याभील की जयंति पर किया गया. जिसमें कमलनाथ, वन मंत्री उमंग सिंगार और झाबुआ विधायक कांतिलाल भूरिया भी शामिल हुए. कोशिश आदिवासी वोट बैंक में सेंध लगाने की है. इसलिए पवार मंच से आदिवासियों के योगदान और काम की तारीफ करते रहे. इस कार्यक्रम के जरिए पवार मध्यप्रदेश में अपनी पार्टी एनसीपी की पैठ बढ़ाना चाहते हैं.