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बीजेपी में शामिल होने के बाद पहली बार गुरुवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया भोपाल पहुंचे. यहां बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उनका जबर्दस्त स्वागत किया.गुरुवार मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ज्योतिरादित्य सिंधिया की जमकर तारीफ की. हालांकि इस दौरान उन्होंने कमलनाथ सरकार पर निशाना साधते-साधते ज्योतिरादित्य सिंधिया की तुलना विभीषण से कर डाली. लेकिन क्या ये विभीषण bjp पर भारी पड सकता है. रामायण का महाकाव्य इस बात का गवाह है कि लंका डहाने के लिए विभिषण राम से मिल गए. लंका पर विजय तो राम ने पाई लेकिन राजतिलक हुआ विभिषण का. अब अगर अध्यात्म ने खुद को दोहरा दिया तो शिवराज का ये विभिषण उन्हीं के लिए बूमरेंग बन जाएगा. बूमरेंग यानि नए जमाने का वो अस्त्र जो दुश्मन पर वार करने के बाद पलट कर चलाने वाले के पास वापस आता है. अब अगर शिवराज उसे झेल गए तो बच जाएंगे वरना ये बूमरेंग उन्हीं का पत्ता काट देगा. क्योंकि सिंधिया भी दमदार नेता हैं. भले ही अपने जड़े छोड़ कर आए हैं लेकिन यहां उन्हें जमने में देर नहीं लगेगी. और जब जम गए तो क्या ही मुश्किल है कि कभी शिवराज और सिंधिया ही राजनीति की बिसात पर आमने सामने आ जाएं.