राज्य सभा में धारा 370 हटाने का संकल्प पेश करने के बाद अब बीजेपी के लोग कह रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी और जनसंघ के संस्थापक सदस्य डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की आत्मा को शांति मिल गई होगी। इस धारा को हटाने का संकल्प पेश करके बीजेपी ने अपने संस्थापक नेता को श्रद्धांजलि देने की कोशिश की है। आपको बता दें कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जम्मू-कश्मीर में धारा 370 का विरोध शुरू किया था। मुखर्जी ने नारा दिया था कि एक देश में दो विधान, एक देश में दो निशान, एक देश में दो प्रधान- नहीं चलेंगे नहीं चलेंगे। अनुच्छेद 370 में यह प्रावधान किया गया था कि कोई भी भारत सरकार से बिना अनुमति लिए हुए जम्मू-कश्मीर की सीमा में प्रवेश नहीं कर सकता। मुखर्जी ने इसके खिलाफ उन्होंने आंदोलन शुरू किया और सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ कश्मीर के लिए रवाना हुए लेकिन जम्मू-कश्मीर सरकार ने राज्य में प्रवेश करने पर उन्हें 1 मई 1953 को हिरासत में ले लिय। इसके कुछ समय बाद 23 जून 1953 को जेल में उनकी रहस्यमयी तरीके से मौत हो गई। श्यामा प्रसाद मुखर्जी के साथ कश्मीर जाने वालों में अटल बिहारी वाजपेयी भी थे। डॉ. मुखर्जी ने अटल से कहा था कि धारा 370 हटाने के आंदोलन की कमान वे संभालें। इसके बाद से बीजेपी का प्रमुख एजेंडा जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाना रहा। सोमवार 5 अगस्त 2019 को बीजेपी की सरकार ने धारा 370 हटाने का संकल्प पेश किया और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के आंदोलन को अंजाम पर पहुंचाने का काम किया।