वीओ- जब से करतारपुर कॉरिडोर की खबरें सुर्खियों में हैं कांग्रेस को फिर से अपने गुरू की याद आ रही है. गुरू यानि कि नवजोत सिंह सिद्धू. जिसे कांग्रेस ने बड़े ही बेआबरू करके दो प्रदेशों के चुनाव निकाले हैं. उन प्रदेशों में कहीं सिद्धू को चुनाव प्रचार के लायक भी नहीं समझा. पर पिछले दो दिन से कांग्रेस के सुर ही बदले हुए हैं. जब जब सिद्धू का नाम आ रहा है तब तब कांग्रेस शायरी तो नहीं कर रही पर गुरू की तारीफों के पुल जरूर बांध रही है. हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा कि करतारपुर कॉरिडोर खुलवाने में सबसे बड़ा योगदान सिद्धू का ही रहा है. वैसे ये तारीफें भी बेवजह नहीं है. सिद्धू को साद कर कांग्रेस खुद अपना ही बहुत बड़ा उल्लू सीधा करना चाहती है. कोशिश ये है कि करतारपुर साहिब पर सिद्धू कांग्रेस के साथ मंच साझा करें ताकि सारा क्रेडिट कांग्रेस की झोली में ही जाए पर अब पछताओ होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत. क्योंकि गुरू तो कांग्रेस के हाथ से फिसल ही चुके हैं समझिए. सोशल मीडिया पर खबरे हैं कि सिद्धू ने की हाल ही में बीजेपी नेता अमित शाह से मुलाकात की है. जिसके बाद से ये अटकलें है कि सिद्धू वापस बीजेपी में जा सकते हैं. और अगर ऐसा हुआ तो कांग्रेस को यकीनन अपनी गलती पर पछतावा होगा.