लगता है कि मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष का मामला फिर उलझ गया। उम्मीद की जा रही था कि 4 नंवबर को कमलनाथ और कांग्रेस आलाकमान सोनिया के बीच की बैठक के बाद उम्मीद की जा रही थी कि मध्यप्रदेश कांग्रेस को नया अध्यक्ष मिल जाएगा।
सोमवार महाराज सिंधिया ने अपना मध्यप्रदेश को दो दिन का दौरा रद्द कर दिया तभी से उम्मीद की जा रही थी कि महाराज को मैडम के काल का इंतजार है, और इसीलिए महारजा ने दौरा कैसिल किया। लेकिन ऐसा कुछ हुआ नही महाराज करते रहे इंतजार और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ पार्टी आला कमान के साथ बैठक कर दुबई रवाना हो गए। आखिर अब क्या होगा मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष का , अगर पार्टी कोई नया अध्यक्ष नही बना रही है तो क्या हो सकता है क्या नगर निगम चुनाव भी कमलनाथ की अगुवाई में ही लडे जाऐंगे। क्या अब मध्यप्रदेश कांग्रेस में किसी नेता का वजूद नही रहा। सिवाए और सिवाए कमलनाथ के । क्या पार्टी आलाकमान को कोई डर सता रहा है कि नए अध्यक्ष के बनते ही बगावत न शुरू हो जााए।