हाल ही में रिलीज हुई फिल्म जबरिया जोड़ी में फिल्म की हीरोइन परिणिती चौपड़ा स्टेशन पर एक पत्रकार को देखकर आवाज लगाती हैं ऐ दीपक चौरसिया और वो पत्रकार कहता है कि हमारा नाम दीपक चौरसिया नहीं है। हालांकि ये एक फिल्म का आम सीन है लेकिन इस सीन से अंदाज लगाया जा सकता है कि टीवी रिपोर्टर मतलब दीपक चौरसिया। पिछले कई दशकों से टीवी जर्नलिज्म में अपनी अमिट छाप छोड़ रहे दीपक चौरसिया एक टीवी जर्नलिस्ट की छवि का पर्याय बन चुके हैं। आज पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले अधिकांश स्टूडेंट दीपक चौरसिया बनना चाहते हैं। दरअसल भारत में टीवी जर्नलिज्म की शुरुआत से ही दीपक चौरसिया टीवी के परदे के पॉपुलर चेहरे रहे और आज भी बने हुए हैं। दीपक को लेकर न जाने के कितने चुटकुले और कॉमेडी सीन्स भी क्रिएट किए गए। चाहे वो राजू श्रीवास्तव हों जिन्होंने टीवी जर्नलिज्म पर बनाए गए अपनी कॉमेडी शो में दीपक चौरसिया के नाम का इस्तेमाल किया या फिर सोशल मीडिया पर दीपक चौरसिया को लेकर पॉपुलर ये चुटकुला कि नील आर्मस्ट्रांग जब चांद पर पहुंचे तो दीपक चौरसिया वहां पर पहले से मौजूद थे और पीटीसी दे रहे थे कि कैमरामैन फलां के साथ दीपक चौरसिया। ये चुटकुला खबरों पर तेजी से पहुंचने और दर्शकों तक तेजी से सटीक खबर पहुंचाने की दीपक चौरसिया की एबिलिटी को दर्शाता है। यही नहीं फिल्म पीपली लाइव में तो दीपक को लेकर एक पूरा कैरेक्टर ही रचा गया और उस अदाकार ने भी दीपक चौरसिया के समान एक्टिंग करने की कोशिश की। हिंदी न्यूज मीडियम में अभी तक दीपक चौरसिया जैसी पॉपुलेरिटी बहुत कम जर्नलिस्ट को हासिल हो पाई है। मध्यप्रदेश के एक छोटे से गांव से निकलकर टीवी मीडिया की मंडी में एक विशालकाय स्तंभ के रूप में अपनी जगह बनाना आसान काम नहीं है और शायद यही कारण है कि दीपक चौरसिया कई पत्रकारों और गैर पत्रकारों के आदर्श हैं। फिलहाल हम बात कर रहे हैं फिल्मी परदे पर दीपक चौरसिया के नाम के इस्तेमाल की तो ये उनकी पॉपुलैरिटी का ही कमाल है कि फिल्म के स्क्रिप्ट राइटर को भी किसी और जर्नलिस्ट के बजाय दीपक चौरसिया का ही नाम सूझा। फिलहाल इस तरह से नाम का इस्तेमाल किए जाने पर दीपक चौरसिया की क्या प्रतिक्रिया है ये तो नहीं पता लेकिन दीपक चौरसिया के फैन इससे जरूर काफी खुश हैं।