उत्तर प्रदेश में डॉक्टर के बेटे की मौत का मामला गरमाया तो एक प्राचार्य मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की व्यवस्थाओं की ढाल बन गई, मामला हैलट अस्पताल में एक डॉक्टर के पुत्र को कोरोना का संदिग्ध मरीज समझकर उसका उपचार न करने का है, जिस पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने ट्विट में लिखा है कि-ये दुखद है कि कानपुर के एक डॉक्टर को एंबुलेंस की अनुपलब्धता और हैलेट हॉस्पिटल में स्ट्रेचर व अन्य चिकित्सीय सहायता के अभाव में अपना बेटा खोना पड़ा, प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठा तू खुद मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य को सफाई देनी पड़ी वीडियो जारी कर उन्होने कहा की कोरोना के मरीज ना होने की वजह से उन्हें वहां प्रवेश नहीं दिया गया, इमरजेंसी पहुंचने पर मरीज को तुरंत अटेंड किया गया।