एक तरफ भले ही सरकार स्कूलों में किसी भी प्रकार के आयोजनों पर रोक लगा रही हो… लेकिन ग्रामीण अंचलों में शिक्षा विभाग और ठेकेदारों की मिली भगत से शासकीय भवन का निजी उपयोग किया जा रहा है… जी हां हम बात कर रहे हैं दमोह के मड़ियादो और रजपुरा गांव में स्थित सरकारी मिडिल स्कूल की जहां तेंदूपत्ता ठेकेदार के मजदूरों ने यहां अपना डेरा जमा रखा है..मड़ियादो और रजपुरा गांव के इन शासकीय माध्यमिक शाला परिषर में दमोह के किसी तेंदूपत्ता ठेकेदार को बकायदा पूरा स्कूल भवन और परिसर किराये पर उपलब्ध कराया गया है जिसमें ठेकेदार के मजदूर यहां रुके हुए हैं… यंहा उनके वाहनों सहित तेंदूपत्ता के बोरे भी रखे हुए हैं… स्थानीय लोगों की माने तो यहां के शिक्षक गरीब कन्याओं की शादी तक को स्कूल परिसर किराये पर देने से मना कर देते हैं… फिर बाहरी लोगों पर शिक्षा विभाग की यह मेहरबानी समझ से परे है… पूरा मामला सामने आने के बाद अब यहां के शिक्षक से लेकर शिक्षा विभाग के आला अधिकारी तक कुछ भी कहने से बच रहे हैं… सरकारी भवन को नियमविरुद्ध निजी कार्यों के लिये देने के मामले पर जिम्मेदार अधिकारी कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से बचते हुए जांच कर कार्रवाई की बात कर रहे हैं…