मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार आते की जहां व्यापम कांड ने तूल पकड़ लिया था वहीं अब हनीट्रैप मामला भी सरकार के गले की फांस बनता जा रहा है….. हनीट्रैप मामले के तार कहां-कहां पहुंच रहे है इसका अंदाजा ही लगाया जा सकता है… हाल ही में हनीट्रैप कांड में प्रदेश के दो बड़े पुलिस अधिकारी आमने—सामने आ गए हैं…. हनीट्रैप में एडीजी रेंक के आफिसर पुरूषोत्तम शर्मा प्रदेश के सबसे बडे पुलिस अधिकारी के पीछे पड़ गए हैं…. पुरूषोत्तम शर्मा ने मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखकर डीजीपी व्ही.के. सिंह को हनीट्रैप मामले की जांच से दूर रखने को कहा है… शर्मा का कहना है कि हनीट्रैप मामले में डीजीपी सिंह की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं…. इसलिए उन्हें इस मामले से हटाकर पुलिस मुख्यालय से बाहर के और किसी डीजी स्तर के अधिकारी मामला सौंपा जाना चाहिए… दरअसल इससे पहले हनीट्रैप मामले के खुलासे के दौरान साइबर सेल के एडीजी पुरूषोत्तम की भूमिका संदेह के घेरे में बताकर डीजीपी ने कहा था कि…. इन्होंने दिल्ली और मुंबई में दो फ्लैट ले रखे हैं…. जिनका इस्तेमाल हनीट्रैप के लिए किया जाता था…. इसके बाद एडीजी से अपने ही विभाग के डीजीपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था…. मध्यप्रदेश में हुस्न का ये जाल आखिर किस किस को अपने लपेटे में लेगा…. ये देखना बड़ा दिलचस्प होगा….मामले में पहले ही कई अफसरों और कांग्रेस—बीजेपी के नेताओं की भूमिका संदिग्ध बनी हुई है…