Hyderabad police encounter: भागने की कोशिश कर रहे गैंगरेप के आरोपियों को पुलिस ने गोलियों से भुना

हैदराबाद में डॉक्टर युवती के गैंगरेप और फिर मर्डर के दोषियों की एनकाउंटर में मौत हुई. पुलिस उन्हें सीन रिक्रिएट करने ले जा रही थी लेकिन आरोपी मौका देखकर फरार होने की कोशिश में थे. जिसके बाद पुलिस को एनकाउंटर करना पड़ा. जो लोग अब तक रेप के आरोपियों की सरेआम फांसी और लिंचिंग में मारने की डिमांड कर रहे थे उन्हें हैदराबाद पुलिस का ये कदम बड़ा रास आया है. हालांकि कुछ लोग अब भी इस कदम की आलोचना कर रहे हैं. पर ये जानना भी जरूरी है कि पुलिस को बिना किसी तैयारी के आखिर किन परिस्थितियों में एनकाउंटर की जरूरत पड़ती है. और हैदराबाद पुलिस इस मामले साधुवाद की हकदार क्यों है. एक चैनल से बातचीत में सांसद मिनाक्षी लेखी ने कहा कि अगर पुलिस के हाथ से वो चारों आरोपी निकल जाते तो हैदराबाद पुलिस की लोग जी भरकर निंदा करते. उससे बेहतर है कि पुलिस ने उन्हें एनकाउंटर में मार डाला. बस इसी तरह की आपातकालीन परिस्थितियों में जब कोई संगीन अपराध को अंजाम देने वाला आरोपी भागने की कोशिश करे या पुलिस के हाथ लगने में देर हो रही हो तब पुलिस एनकाउंटर जैसा कदम उठाती है. मकसद केवल इतना होता है कि किसी बड़ी घटना के लिए जिम्मेदार आरोपी गिरफ्त से बाहर नहीं रहना चाहिए. हैदराबाद पुलिस ने भी यही किया. जिन लोगों ने एक दिल दहला देने वाली घटना को अंजाम दिया उन्हें भागने का मौका देने की जगह एनकाउंटर में मार गिराया.

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