छिंदवाड़ा में तापमान 42 डिग्री के ऊपर पहुंच गया है जिससे लोगों का जन जीवन अस्त व्यस्त हो रहा है। गर्म हवाओं के थपेड़े चालू हो गए हैं लेकिन जिला अस्पताल में वही पुराना ढर्रा चालू है। अस्पताल के रख-रखाव के लिए करोड़ों रुपयों का बजट है लेकिन मैनेजमेंट की लापरवाही के चलते ये बजट गैर-जरूरी कामों में खर्च हो रहा है लेकिन मरीजों के हाल बदहाल ही रहते हैं। गर्मी के बावजूद अस्पताल में मरीजों को ठंडक देने के इंतजाम नाकाफी नजर आ रहे हैं। जो कूलर लगे हैं उनमें से अधिकांश बंद हैं और जो चालू हैं उनकी हालत खस्ता है यही हाल पंखों का भी है कई तो बंद हैं और चालू पंखे गरम हवा फेंकते हैं जिसके कारण उन्हें चलाना या न चलाना एक बराबर है। सबसे ज्यादा तकलीफ बच्चा वार्ड और बर्न वार्ड में हो रही है। अस्पताल में भर्ती छोटे-छोटे बच्चों को उनके परिजन हाथ से हवा करके राहत पहुंचा रहे हैं। बर्न वार्ड में 2 एसी तो नाम के लिए लगे हैं लेकिन इनका बिजली कनेक्शा चालू नहीं है। इस मामले में हॉस्पिटल के सीएस डॉ सुशील राठी अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं। जब सीएम के गृह जिले के अस्पताल का ये हाल है तो प्रदेश के बाकी सरकारी अस्पतालों की हालत का अंदाज लगाया जा सकता है।