हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद यह साफ है कि किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है… लेकिन भाजपा निर्दलीयों के सहायता से सरकार बनाने के करीब है… और इन्हीं निर्दलीय विधायकों में से एक हैं गोपाल कांडा जिन्होंने भाजपा को सबसे पहले समर्थन देने का ऐलान किया था… लेकिन जिस प्रकार से कांग्रेस कांडा के समर्थन पर सवाल खड़े कर रही हैं…. उससे बीजेपी घिरती हुई दिखाई दे रही है…. और अब भाजपा के अंदर से ही कांडा के लिए विरोधी सुर उठने लगे हैं….
तो आखिर क्या कारण है कि कांडा के समर्थन के बाद भी बीजेपी खुल कर बोलने से बच रही है….. आपको बतादें कि कांडा को एयर होस्टेस गीतिका शर्मा के आत्महत्या मामले में नाम आने के बाद हुड्डा सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था…. गीतिका ने अपने सुसाइड नोट में लिखा था कि वह गोपाल कांडा से परेशान होकर अपनी जान दे रही है….
जिसके बाद पुलिस ने कांडा पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया था…. कांडा इस मामले में 2014 में जेल भी जा चुके हैं…. और 18 महीने जेल में रहने के बाद वे अभी जमानत पर हैं…..
अगर अब भाजपा कांडा का समर्थन लेती है.. तो लोग भाजपा पर सबाल खड़े करेगें… अब ऐसे में भाजपा के लिए…. कांडा न उगलते बन रहे हैं न निगलते