खबर मिली है कि मध्यप्रदेश के परिवहन एवं राजस्व मंत्री गोविन्द राजपूत और उनके ओएसडी कमल नागर के खिलाफ भोपाल जिला न्यायालय में अवमानना का प्रकरण दर्ज कराने के लिए परिवाद दायर किया गया है। न्यायालय में दाखिल परिवाद की सुनवाई 9 जुलाई को होगी। परिवाद में लगाए आरोपों के मुताबिक मंत्री राजपूत और ओएसडी नागर ने तहसील कार्यालय सीहोर का निरीक्षण करते समय तहसील कोर्ट मे रखे दस्तावेजों से छेड़छाड़ की है जो कि नियमों के विरुद्ध है। दरअसल 25 जून को मंत्री राजपूत दलबल के साथ सीहोर तहसील कार्यालय का निरीक्षण करने पहुंचे थे और तहसीलदार सुधीर कुशवाहा को निलंबित करने का आदेश दिया था। मंत्री राजपूत द्वारा तहसीलदार को बिना किसी वाजिब कारण के निलंबित करने के फरमान पर राज्य प्रशासनिक सेवा संघ के पदाधिकारियों ने नियम विरुद्ध बताते हुए सरकार के समक्ष अपना अभिमत रखते हुए बताया कि राजस्व मंत्री का स्टाफ लगातार अनैतिक कार्य करने का दबाव बना रहा है और नहीं मानने पर गम्भीर परिणाम भुगतने की धमकी मिलती आ रहती है । राजस्व मंत्री राजपूत के कार्यालय की कार्यप्रणाली से जब जिले के प्रभारी मंत्री आरिफ अकील और सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ. गोविंद सिंह को अवगत कराया गया। सरकार के दोनों वरिष्ठ मंत्री राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली से असंतुष्ट नजर आए। यही कारण है कि तहसीलदार सुधीर कुशवाहा का निलंबन आदेश पर सामान्य प्रशासन विभाग ने रोक लगा दी। अब कोर्ट में भी इसी मामले को लेकर परिवाद लगाया गया है।