MP के मुख्यमंत्री कमलनाथ किसानों का दो लाख तक के कर्ज माफ होने का दावा कर रहे हैं। लेकिन अभी भी कर्ज से परेशान किसान आत्महत्या कर रहे हैं। कर्ज माफी लेकिन बैंको के और सोसायटी के कर्ज की हो रही है। जबकि प्रदेश के अधिकांश किसानों को जब सोसायटी और बैंक कर्ज नहीं देतीं तो वे सूदखोरों और साहूकारों के चंगुल में फंस जाते है। मामला रायसेन का है जहां पर गैरतगंज के ग्राम अंधियारी में रहने वाले किसान भोलाराम ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। किसान सूदखोरों से परेशान था और पूरी फसल सूदखोरों को देने के बाद उसके पास अपने परिवार का पेट पालने के लिए कुछ नहीं बचा था। किसान ने एक सुसाइड नोट में अपनी कहानी लिखी है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।