सावधान! MP में फिर शुरू होंगे Transfer, ये है MP की Transfer Policy (तबादला नीति)

MP की कमलनाथ सरकार ने प्रदेश में Transfer और Postings से प्रतिबंध हटा लिया है। 5 जून से नई तबादला नीति के हिसाब से तबादले किए जा सकेंगे। 5 जुलाई तक तबादलों का का दौर जारी रहेगा और इस दौरान विभाग जिले के भीतर प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से और एक जिले से दूसरे जिले और राज्य स्तर पर तबाद संबंधित विभाग के मंत्री के अनुमोदन से तबादले कर सकेंगे। Transport Department को छोड़कर बाकी सभी विभागों में यही नीति लागू होगी। पुलिस विभाग की बात करें तो ज़िले के भीतर प्रभारी मंत्री से अनुमति लेकर या उनके सुझाव पर या उनसे सलाह करके ज़िले के SP Trasnsfer और posting करेंगे। DSP या Senior Officers के तबादलों के लिए गृहमंत्री और मुख्यमंत्री की हरी झंडी जरूरी होगी। स्वयं के खर्च पर तबादला मांगने वालों के अलावा बाकी एप्लिकेशन ऑनलाइन ही लिए जाएंगे।
MP की Transfer Policy (तबादला नीति) की मुख्य बातें

1. सबसे पहले अनुसूचित क्षेत्रों में पदस्थापना की जाएगी। सौ फीसदी पद भरने के बाद गैर अनुसूचित क्षेत्रों में खाली पदों को भरा जाएगा।
2. अनुसूचित क्षेत्रों में तीन साल की सेवा पूरी करने पर ही तबादला किया जाएगा।
3. अनुसूचित क्षेत्रों से तब तक कार्यमुक्त नहीं किया जाएगा, जब तक उस स्थान पर दूसरा अधिकारी या कर्मचारी न आ जाए। यह शर्त अनुसूचित क्षेत्र से अनुसूचित क्षेत्र में होने वाले तबादले पर लागू नहीं होगी।
4. राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की पदस्थापना सामान्य प्रशासन विभाग करेगा। जिले के भीतर कलेक्टर प्रभारी मंत्री से सलाह करके इन्हें पदस्थ करेंगे। यही व्यवस्था तहसीलदार, अतिरिक्त तहसीलदार और नायब तहसीलदार पर भी लागू होगी।
5. जिले में पदस्थ प्रथम और द्वितीय श्रेणी के कार्यपालिक अधिकारियों के एक स्थान पर तीन साल पूरा करने पर प्राथमिकता के आधार पर तबादला किया जाएगा।
6. डॉक्टर्स एक स्थान पर लंबे समय तक पदस्थ रह सकते हैं।
7. स्वयं के खर्च पर ट्रांसफर के आवेदन ऑनलाइन होंगे।
8. स्वेच्छा से तबादलों में उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी, जिन्होंने लक्ष्य को पूरा किया है।
9. रिटायरमेंट के लिए एक साल या उससे कम समय होने पर ट्रांसफर नहीं किया जाएगा। यदि जरूरी है तो फिर विकल्प लिए जाएंगे।
10. पति-पत्नी को खुद के खर्च पर एक ही जगह पोस्टिंग दिए जाने के एप्लिकेशन पर प्रशासकीय व्यवस्था के हिसाब से फैसला लिया जाएगा।
11. कैंसर, किडनी खराब होने, ओपन हार्ट सर्जरी सहित अन्य गंभीर बीमारियों में ट्रांसफर मांगने पर मेडिकल बोर्ड की सिफारिश पर ट्रांसफर किया जाएगा।
12. 40 प्रतिशत या उससे अधिक नि:शक्तता होने पर सामान्य स्थितियों में ट्रांसफर नहीं किया जाएगा, लेकिन स्वेच्छा से आवेदन पर विचार होगा।
13. मान्यता प्राप्त कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों को दो पदावधि तक ट्रांसफर से छूट रहेगी।
14. जिस जिले में अधिकारी पहले पदस्थ रह चुका हो, वहां उसी पद पर पोस्टिंग नहीं की जाएगी।
15. कार्यमुक्ति दो सप्ताह में करनी होगी। ट्रांसफर ऑर्डर का पालन नहीं करने पर कार्रवाई होगी।
16. दोहरा प्रभार नहीं दिया जाएगा। अटैचमेंट खत्म किये जाएंगे।
17. कृषि विभाग के तृतीय श्रेणी कार्यपालिक कर्मचारियों को गृह तहसील और विकासखंड छोड़कर जिले में पदस्थ किया जा सकता है।
18. कॉलेजों में तय संख्या से ज्यादा शिक्षक होने पर अतिशेष की दूसरी जगह पोस्टिंग की जाएगी।
19. कम लिंगानुपात वाले जिलों में महिला अधिकारी की पदस्थापना को प्राथमिकता दी जाएगी।
20. आपराधिक प्रकरण लंबित होने पर कार्यपालिक पदों पर तैनात नहीं किया जाएगा।

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