तो क्या मघ्यप्रदेश में हो जाता रूस जैसा हादसा?

प्रदेश के जल संसाधन मंत्री हुकुम सिंह कराडा ने शाजापुर में गांधी सागर डेम एवं राजस्थान में स्थित रावतभाटा परमाणु संयंत्र को लेकर बड़ा बयान दिया है। जल संसाधन मंत्री ने खुलासा किया कि मध्यप्रदेश में भारी बारिश के चलते गांधी सागर डेम के गेट नहीं खोले जाते तो इसके फुटने का खतरा बढ़ गया था और यदि ये फूट जाता तो राजस्थान में स्थित रावतभाटा परमाणु ऊर्जा संयंत्र में पानी घुस जाता, इससे रेडिएशन फेल सकता था और यह हादसा रूस में चेर्नोबिल परमाणु हादसा जैसा हो जाता। कोटा सहित कई शहरों में तबाही मचती और हालात बेकाबू हो जाते। मंत्री कराडा ने कहा इस स्थिति को लेकर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला कोटा सांसद व पीएमओ से लेकर मध्यप्रदेश व राजस्थान सरकारों की सांसे फूल गई थी। परमाणु संयंत्र से होने वाली त्रासदी को बचाने के लिए गांधी सागर बांध के तत्काल गेट खोल कर पानी को भिंड मुरैना की तरफ मोड़ दिया गया। जिससे इन दोनों जिलों में भी बारिश ने तबाही मचा दी। मंदसौर नीमच के साथ-साथ भिंड मुरैना भी बारिश के कहर का शिकार हुए। रेडिएशन के कारण कई वर्षों तक लोगों पर शारीरिक प्रभाव पड़ता। मध्यप्रदेश में भारी बारिश के चलते कई जिलों में भारी नुकसान हुआ है। 1986 में रूस में हुए हादसे में 4000 लोगों की जान चली गई थी और 40,000 से ज्यादा लोग इससे प्रभावित हुए थे। अब भी वहां के लोग रेडिएशन का शिकार हो रहे है।

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