औरंगजेब ने मांगी हनुमान जी से मुराद, गांव का नाम मुरादपुर

विदिशा बासौदा के मुरादपुर का इतिहास आज की नई पीढ़ी को भी पता नहीं है… इस गांव का इतिहास महाभारत से जुड़ा हुआ है… यहां स्थित हनुमान मंदिर के पुजारी के अनुसार बरसों पहले औरंगजेब शासक यहां आया था.. और उसने भगवान हनुमान के इतिहास की जानकारी ली… और उस प्रतिमा को अपने साथ ले जाने का प्रयास किया… बताया जाता है कि उस समय भगवान हनुमान ने औरंगजेब से कहा पहले मेरे पैर का छोर निकालो तब मुझे कहीं और ले जाना… उसके बाद औरंगजेब ने जमीन की काफी खुदाई की… लेकिन बजरंगबली के पैर का छोर कहीं नहीं मिला…. काफी समय बाद थक हार कर औरंगजेब ने भगवान से माफी मांगी और मुराद मांगी… भगवान ने उसकी मुराद पूरी कर दी… उसके बाद से औरंगजेब ने मारुति पुर गांव का नाम बदलकर मुरादपुर कर दिया… वहीं पुजारी के अनुसार सालों से मुरादपुर गांव में बजरंगबली की लेटी हुई प्रतिमा की पूजा गांव के लोग करते हैं… और बड़ी संख्या में पर्यटक भी दर्शनों को पहुंचते हैं… आसपास के गांववाले मुराद मांगते हैं तो उनकी मुराद पूरी होती हैं… और बजरंगबली से मुराद मांगने पर सभी की मुराद पूरी होती है…. न्यूजलाइवएमपी के लिए कुरवाई से दीपक राय की रिपोर्ट

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