दो दुश्मन जो पक्के दोस्त बन गए. दो दोस्त जिनकी आरजू आखिरी वक्त तक पूरी नहीं हो सकी. राम मंदिर महज एक केस नहीं है. ये दिलों के जज्बात हैं. कभी दोस्ती है तो कभी सम्मान है. राम मंदिर के मसले ने लोगों को लड़ाया है तो उन्हें मिलाया भी है जो अदालत के अलग अलग कटघरे में खड़े होते रहे. लेकिन जब बाहर निकलते तो गले और दिल दोनों मिले रहे. आज सुनिए उन दो दोस्तों का एक किस्सा जो लड़ते लड़ते पक्के दोस्त बन गए. ये भी जानिए कि कौन कौन हैं जो इस केस को नई दशा और दिशा देते रहे.