1998 में आई सलमान खान की फिल्म जब प्यार किसी से होता है याद है आपको. एक रईस प्लेबॉय, जिसे अचानक पता चलता है कि उसका एक बेटा भी है. फिर कशमकश शुरू होती है. प्यार को बचाएं या बेटे को अपनाएं. अब आप सोच रहे होंगे कि जवानी जानेमन का रिव्यू बताने से पहले इतनी पुरानी फिल्म को हम क्यों याद कर रहे हैं. तो भई उसकी भी वजह है. सलमान की फिल्म के मसाले को थोड़ा उल्टापुल्टा कीजिए और नए नाम के साथ भर दीजिए तो बन जाएगी फिल्म जवानी जानेमन. फिल्म में सैफ अली खान हैं जो अपने नए स्वैग के साथ इस उम्र में प्लेबॉय बन कर आए हैं. नाम है जैज. वो करते क्या हैं ये तो पूरी फिल्म में पता नहीं चलता. पर भाई को हर लड़की से प्यार हो जाता है. फिल्म में ट्विस्ट तब आता है जब इसी पब में एक रात की गर्लफ्रेंड की जगह बेटी मिल जाती है. सैफ की इस बेटी के रोल में है अलाया फर्नीचर वाला. जो कबीरे बेदी की नातिन हैं और पूजा बेदी की बेटी हैं. अलाया फिल्म में बेहद हॉट और फ्रेश लगी हैं. और उनका कॉन्फिडेंस तो काबिलेतारीफ है. लेकिन बाजी मारी तब्बू ने. जो बड़ी बेफिक्री सी हैं. हिप्पी टाइप रहती हैं. और बेटी से भी ज्यादा कूल हैं. गेस्ट अपीयरेंस में होकर भी तब्बू को नजरअंदाज करना मुश्किल है. उनके अलावा छोटे छोटे किरदारों में चंकी पांडे, फरीदा जलाल, तनवी आजमी ने भी शानदार काम किया है. कुलमिलाकर नितिन कक्कड़ ने शानदार फिल्म बनाई है. जो आपको जरा भी बोर नहीं करेगी.