कभी कांग्रेस कभी बीजेपी और फिर कांग्रेस के पाले में आ जाने वाले एमपी के सियासी संत इन दिनों प्रयागराज में जलवे बिखेर रहे हैं। कंप्यूटर बाबा को कुछ दिनों पहले राजनीति करने के कारण दिगंबर अनी अखाड़े ने निष्कासित कर दिया था और महामंडलेश्वर की उपाधि भी वापस ले ली थी और कुंभ में जाने पर प्रतिबंध लगा दिया था। लेकिन जब कंप्यूटर बाबा ने अपना अलग अखाड़ा बनाकर कुंभ में शक्तिप्रदर्शन की घोषणा की तो उनका निष्कासन वापस हो गया था। अब प्रयागराज में डेरा डाले कंप्यूटर बाबा कभी हैलीकॉप्टर से शाही स्नान पर जाने की अनुमति मांग कर तो कभी दिग्विजय सिंह जैसे बड़े बड़े सियासतदानों के उनकी शरण में पहुंचने से सुर्खियों में बने हुए हैं। कुंभ मेले में साधुओं और भक्तों की भीड़ के बीच दो-दो गनमैनों से घिरे कंप्यूटर बाबा अलग ही जलवे बिखेरने में लगे हैं। हाल ही में बाबा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति को पत्र लिखा है जिसमें गरीब साधु-संतों को 20 हजार रुपए मासिक पेंशन देने की मांग की है।