एक भक्त है
एक भगवान है
एक राम है
एक हनुमान है
अब सियासत की भेंट चढ़ें
ये नया फरमान है
ये फरमान जारी किया है उन सियासी दलों ने जो अब भगवान को भी बांट चुके हैं. श्री राम तो कबके बीजेपी के हो चुके हैं. तो कांग्रेस ने अपने नाम हनुमान को दर्ज कर लिया है. ये मजबूरी है या सियासी चाल है. इसका अंदाजा आप खुद लगाइए. क्योंकि बीजेपी के कट्टर हिंदुत्सव के जवाब में कांग्रेस भी अब सेक्युलरिज्म का चोला बदल रही है. अब पूरी तरह बदलना तो मुश्किल है इसलिए हार्ड हिंदुत्व के जवाब में सॉफ्ट हिंदुत्व तैयार किया गया. जिसके प्रचार प्रसार के लिए दिन तय हुआ है निर्वाण दिवस यानि कि महात्मा गांधी की पुण्यतिथि. जब कमलनाथ सरकार हनुमान चालीसा के भव्य पाठ का आयोजन कर रही है. वैसे सीएम कमलनाथ की हनुमान भक्ति किसी से छिपी नहीं है. वो अपने खुद के शहर छिंदवाड़ा में एक बड़ा हनुमान मंदिर बनवा भी चुके हैं. पर अब पुरानी विधानसभा के लगजीरियस गर्भ गृह में पड़ी जा रही हनुमान चालीसा भक्तों को कितना प्रसन्न करती है ये कहना मुश्किल है. क्योंकि अध्यात्म तो यही कहता है कि बिना जय श्री राम कहे तो हनुमान भी फल नहीं देते.