अयोध्याः बाबर से मोदी तक part 04

लाखों लोगों की भीड़. एक साथ आगे बढ़ती हुई. किसी के हाथ में डंडा, किसी के हाथ में कुदाली, गेती फावड़ा. जो मिला वो उठा लिया. सिर पर भगवा चुनर और जुबां पर एक ही नारा. एक धक्का और दो बाबरी मस्जिद तोड़ दो. 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या इन नारों से गूंज रही थी. नमस्कार मैं हूं जूही वर्मा, न्यूज लाइवएमपी डॉटकॉम पर आप देख रहे हैं अयोध्या, बाबर से मोदी तक. 1992 का वो मंजर तो कोई भूला नहीं होगा. पर क्या आप जानते हैं उस दिन सुबह की शुरूआत वैसी नहीं थी जैसा दिन ढला था. तो क्या अलग था उस सुबह में. चलिए जानते हैं.

(Visited 32 times, 1 visits today)

You might be interested in

LEAVE YOUR COMMENT