छपाक का ट्रेलर रिलीज हुआ. और दीपिका की तारीफों के पुल बनने लग गए. बनने भी चाहिए. काम काबिले तारीफ है ही. दीपिका का भी और डायरेक्टर मेघना गुलजार का भी. राजी जैसी फिल्म बनाने के बाद मेघना गुलजार के डायरेक्शन की ताकत छपाक में दिखाई दे रही है. दीपिका ने भी एसिड विक्टिम की भूमिका में शानदार काम किया है. ट्रेलर में दिखाया गया एक एक डायलोग अंदर तक चोट करता है. एसिड विक्टिम लक्ष्मी अग्रवाल की जिंदगी पर बेस्ड है फिल्म छपाक. जाहिर सी बात है जितने ताकतवर एसिड से लक्ष्मी पर रियल लाइफ में अटैक हुआ होगा. फिल्म का एसिड उतना दमदार नहीं होगा. कहानी में कुछ तो पानी मिलाया ही गया होगा. क्योंकि फिल्म की पहली शर्त दर्शकों की कसौटी पर खरे उतरना ही है. फिर ऐसे चैलेंजिंग रोल को अदा करके दीपिका ने भी नई मिसाल पेश की है. दिन भर एक एसिट विक्टिम की जिंदगी को जीते जीते दीपिका के लिए उस दर्द से बाहर आना भी आसान नहीं था. सो एक नई आदत बना ली. फिल्म की शूटिंग खत्म करके दीपिका हर रात मार्वल्स मिसेज मैसेल देखने लगीं. जो एक कॉमेडी वेबसीरीज है. जिसे एमी अवॉर्ड्स से भी नवाजा जा चुका है. इस सिरीज की बदौलत दीपिका अपने किरदार से बाहर निकलने में कामयाब हो सकीं. और अगले दिन सुबह वापस शिद्दत से छपाक में काम में जुट सकीं.