सलमान खान, सदी के पहले दशक के सुपरस्टार. साल 2000 के आगाज के साथ बॉलीवुड में आया वॉन्टेड दबंग सितारा. और दशक खत्म भी हुआ उसी दबंगई की तीसरी किश्त के साथ. ये दबंगई सिर्फ स्क्रीन के लिए रचा गया एक किरदार भर नहीं है. ये तो वो जलवा है जो सलमान बचपन से ही दिखाते आ रहे हैं. बचपन की शरारतें कब दबंगई में बदली उन्हें खुद ही बता नहीं चला. लेकिन जो किस्से वो खुद शेयर करते हैं उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि छुटपन में वो ऐसे दबंग थे जिनकी शैतानियां सबकी नाक में दम करती थीं. खासतौर से स्कूल वाले तो दुआ करते थे कि सलमान खान का एडमिशन किसी अन्य स्कूल में हो जाए. ये किस्सा खुद सलमान खान ने शेयर किया है. आपको बता दें कि सलमान का जन्म इंदौर में हुआ. बचपन का छोटा सा हिस्सा भी यहीं गुजरा. और पढ़ाई हुई सिंधिया के शाही स्कूल में. जहां कुछ साल सलमान ने अपने भाई सोहेल के साथ बिताए. पर यहां से मुम्बई शिफ्ट होने के बाद तो सलमान ने शैतानियों का रिकॉर्ड बनाना शुरू कर दिया. खुद सलमान के मुताबिक हालात ये रहे कि खुद स्कूल वाले हर दूसरे दिन उनके पैरेंट्स सलीम और सलमा खान को बुलाकर शिकायतें करते. पर बात उनसे भी नहीं बनी तो स्कूल प्रबंधन ने उन स्कूल से संपर्क साधना शुरू किया जहां से निकलकर सलमान का मौजूदा स्कूल में दाखिला हुआ था. और ये गुहार लगाई कि वो सलमान को दोबारा अपने स्कूल में ही ले लें. पर पुराने स्कूलों ने भी कान पकड़े. ये दिलचस्प वाक्य खुद सलमान ने एक शो में शेयर किया है. इसे सुनकर तो यही कहेंगे कमाल करते हो पांडेजी.