सत्ता चीज ही ऐसी है. जिसकी खातिर मान अपमान, सिद्धांत विचारधारा सब कुछ ताक पर रख दिए जाते हैं. महाराष्ट्र में शिवसेना का भी यही हाल है. अब तक एक विचारधारा पर चल कर शिवसेना का जो शेर दहाड़ा करता था वो कुर्सी जाने के डर से मिमियाने पर मजबूर हो गया है. एक ही दिन में शिवसेना के सुर बदलने पर मजबूर कर दिया है कांग्रेस ने. वही कांग्रेस जिसके दम पर शिवसेना ने महाराष्ट्र में सरकार बनाई है. और अब नागरिकता संशोधन विधेयक पर अपने इस अहसान का बदला चुकवाने पर अमादा है. कुछ ही दिन पहले तक शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ये कह रहे थे कि देशहित के मुद्दों पर पार्टी की अपनी राय है. जिस पर वो कायम रहेगी. शिवसेना से पहली बार सत्ता में आने वाले सीएम उद्धव ठाकरे भी अपनी बात पर कायम थे. लेकिन अब राज्य सभा में यू टर्न लेने की तैयारी में हैं. राउत का बयान आया कि कल जो लोकसभा में हुआ भूल जाइए, अब देखना ये है कि शिवसेना राज्यसभा में क्या करती है. उद्धव ठाकरे के सुर भी बदले बदले सुनाई दिए. ठाकरे ने कहा जब तक चीजें साफ नहीं हो जातीं, तब तक शिवसेना राज्य सभा में नागरिकता संशोधन बिल पर मोदी सरकार का साथ नहीं देगी. शिवसेना के मुखपत्र सामना में भी नागरिकता संशोधन विधेयक पर सवाल उठाए गए हैं. मतलब साफ है कि सत्ता जाने के डर से शिवसेना यू टर्न ले चुकी है.