मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में एक अनूठी और अभिनव शुरुआत की जा रही है। यहां पर अर्थी में इस्तेमाल होने के बाद फेक दिए गए बांसों को इकट्ठा करके उनसे ट्री गार्ड बनाने की पहल की गई है। भोपाल जिला प्रशासन ने ये पहल की है। कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। दरअसल शवयात्रा के लिए बनाई गई अर्थी में बांस का उपयोग होता है लेकिन बांसों को चिता में जलाया नहीं जाता और श्मशान घाट पर ही फेंक दिया जाता है। अब जिला प्रशासन ने इन बेकार बांसों के सही उपयोग की योजना बनाई है। भोपाल में पांच प्रमुख मुक्तिधामों से बांस जमा किए जाएंगे। अनुमान के मुताबिक रोजाना 30 ट्री गार्ड इन बांसों से बनेंगे और इस हिसाब से हर महीने लगभग 900 ट्री गार्ड मुफ्त में मिल जाएंगे। नगर निगम की ओर से लगाए जाने वाले पौधों की सुरक्षा में इन ट्री गार्ड्स का उपयोग किया जाएगा।