संपूर्ण विपक्ष के विरोध के बाद भी लोकसभा में पास हुआ राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग विधेयक 2019… इस विधेयक को दिसंबर 2017 में भी लोकसभा में पेश किया गया था… लेकिन डॉक्टरों के भारी विरोध के बाद इसे संसद के स्थायी समिति को भेजना पड़ा था… और विधेयक पास नहीं हो पाया था… अब इसे नए सिरे से पेश कर पास कराया गया है… लेकिन अब भी डॉक्टर इसका विरोध कर रहे हैं…
क्यों हो रहा हैं इस विधेयक का विरोध
विपक्ष जहां इस विधेयक को डॉक्टरों के अधिकारों को कम करने वाला… तथा राज्यों के शक्ति को खत्म करने वाला बता रहा है…. वहीं डॉक्टरों का कहना है कि इस विधेयक में एमबीबीएस पास करने वाले छात्रों को प्रैक्टिस के लिए एग्जिट टेस्ट दना पड़ेगा… अगर कोई छात्र किसी कारण से एक बार एग्जिट परिक्षा नहीं दे पाया तो उसे कोई दूसरा विकल्प नहीं दिया गया है इस बिल में… आपको बता दे कि इससे पहले जो छात्र विदेश से मेडिकल की पढ़ाई करते थे उन्हें भारत में प्रैक्टिस के लिए नेशनल एक्जिट टेस्ट देना पड़ता था… अब सभी छात्रों को इस परीक्षा को पास करना होगा….
इस विधेयक को कानून बनने पर अब पूरे भारत में दाखिले के लिए सिर्फ एक परिक्षा ली जाएगी… जिसे NEET यानी नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेस टेस्ट नाम दिया गया है…. यह विधेयक कानून बनने के बाद मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया कानून 1956 की जगह ले लेगा….