प्रदेश के मुखिया कमलनाथ भले ही खुद को किसानों का हितैषी बताते हों और प्रदेश में किसानों की हालत सुधरने की बात करते हों। पर जमीनी हकीकत जस की तस है। ताजा मामले में दमोह जिले की हटा कृषि उपज मंडी में प्रशासन की लापरवाही दिखी है। यहाँ प्रशासन ने मंडी में उड़द खरीदी पूरी होने के बाद भी उड़द गोदामों में नहीं भिजवाई जिसके बाद बारिश के कारण खुले में रखी हजारों बोरी उड़द खराब हो गई। वहीं बोरियों को गोदाम में ले जाने वाली टीम अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रही है। जबकि उड़द गोदाम तक न पहुँचने के कारण हजारों किसानों को उनकी फसल का भुगतान नहीं हुआ है।