मध्यप्रदेश में स्कूल और कॉलेजों में अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को स्मार्टफोन और स्कूटी भले ही न मिल पाई हो लेकिन कमलनाथ सरकार विधायकों को लैपटॉप खरीदने के लिए 50-50 हजार रुपए देने जा रही है। एक तरफ सरकार कंगाली का रोना रो रही है और लगातार कर्ज पर कर्ज लेती जा रही है लेकिन इसके बावजूद प्रदेश के 230 विधायकों को लैपटॉप खरीदने के लिए एक करोड़ से ज्यादा खर्च करने जा रही है। सबसे खास बात ये है कि इनमें से अधिकांश विधायक वे हैं जो पिछली बार भी सदन में चुनकर आए थे और तब भी उन्हें लैपटॉप खरीदने के लिए 35-35 हजार रुपए मिले थे। यानी इनके पास पहले से ही लैपटॉप हैं। ऐसे में दोबारा लैपटॉप देने का तुक समझ से परे है। लेकिन सरकार का इस कदम का कोई विरोध भी करने वाला नहीं है। कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से पहले स्कूल-कॉलेजों में अच्छा प्रदर्शन करने वाली छात्राओं को स्कूटी देने का वादा किया था जिस पर अमल करने का कहीं कोई प्रस्ताव नहीं है वहीं पूर्ववर्ती शिवराज सरकार के समय से दिए जाने वाले स्मार्ट फोन देने पर भी रोक लगी है ऐसे में विधायकों को दोबारा लैपटॉप देने का फैसला सरकार की मंशा पर सवाल खड़ा करता नजर आ रहा है।