लगता है इन दिनों कांग्रेस पार्टी में सबसे ज्यादा फुर्सत में ग्वालियर के महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया ही हैं। सियासी हलकों में चर्चा है कि AICC के महासचिव पद से इस्तीफा दे चुके सिंधिया के पास फिलहाल कोई जिम्मेदारी नहीं है। यही कारण है कि सिंधिया के समर्थक कभी उन्हें मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाने की मांग करते हैं तो कभी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने की आवाज बुलंद हो जाती है। महाराज के लिए काम को लेकर उनसे ज्यादा उनके समर्थक चिंतित नजर आ रहे हैं। यही कारण है कि पहले जैसे की प्रदेश कांग्रेस कमेटी से कमलनाथ के इस्तीफे की बात फैली तो सिंधिया समर्थकों ने तुरंत महाराज को पीसीसी अध्यक्ष बनाने की मांग कर डाली। अभी ये मांग चल ही रही थी कि पता चला कि राहुल गांधी ने अपना इस्ताफी वापस लेने से मना कर दिया है तो महाराज समर्थकों को लगने लगा कि महाराज तो राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद के योग्य हैं फिर क्या था दन्न से बैनर पोस्टर छपवाए गए और पीसीसी की दीवाल पर चिपका दिए। अब सिंधिया समर्थकों की ये हरकत दूसरे कांग्रेसियों को पसंद नहीं आई तो थोड़ी ही देर में ये बैनर निकलवा भी दिए गए। लेकिन महाराज के समर्थकों का उनके लिए काम ढूंढने का ये प्रयास और अंदाज सियासी हलकों की सुर्खियां बना हुआ है।