मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार एक बार फिर प्रदेश के लोगों पर 1000 करोड़ का कर्ज लादने जा रही है। तमाम सरकारी योजनाओं और घोषणाओं को पूरा करने के लिए इस बार बाजार से कर्ज लिया जाएगा। आपको बता दें कि अभी तक मध्यप्रदेश पर कुल 1.82 लाख करोड़ का कर्ज चढ़ चुका है जिसमें पिछली शिवराज सरकार का भी बहुत बड़ा योगदान है लेकिन नई कांग्रेस की सरकार भी पीछे नहीं है। सरकार के गठन के बाद जनवरी से लेकर अभी तक हर महीने कर्ज लिया जा रहा है। पिछले महीने ही सरकार दो बार कर्ज ले चुकी है। अभी तक सरकार 10 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज ले चुकी है। प्रदेश में पैसा नहीं होने से कई काम अटके पड़े हैं पीडब्लूडी के कई ठेकेदारों ने भुगतान नहीं होने से काम बंद कर दिया है वहीं पुराने कामों का पेमेंट नहीं हो पाया है इसके अलावा कर्मचारियों को 3 फीसदी डीए देने के आदेश के कारण भी सरकारी खजाने पर 1647 करोड़ रुपये का वित्तीय भार बढ़ गया है। किसान कर्ज माफी के लिए भी सरकार को अभी कम से कम 10 हजार करोड़ रुपयों की व्यवस्था करनी है। अभी कांग्रेस सरकार के सिर्फ छह माह हुए हैं और प्रदेश पर दस-ग्यारह हजार करोड़ का कर्ज का भार बढ़ गया है। पांच साल पूरे होते होते क्या हाल होगा इसका बस अंदाज ही लगाया जा सकता है।