जिस बात का डर था महाराष्ट्र में उसी बात की झलक दिखाई देने लगी है. अभी बहुमत साबित किए चौबीस घंटे भी नहीं गुजरे हैं. सीएम पद की शपथ तो अब तक हुई भी नहीं है. दूसरी तरफ कांग्रेस ने अभी से अपनी शर्तें रखना शुरू कर दिया है. अब तक खबरें थी कि उद्धव ठाकरे सीएम बनेंगे और एक एक डिप्टी सीएम एनसीपी और कांग्रेस का होगा. लेकिन उससे पहले ही कांग्रेस ने इस तयशुदा बातचीत में नया पेंच जोड़ दिया है. अब कांग्रेस की जिद है कि उसे डिप्टी सीएम का पद नहीं चाहिए. इसके बदले कांग्रेस को विधानसभा में स्पीकर का पद चाहिए. और शायद शिवसेना इस बात के लिए मान भी जाए. क्योंकि पांच साल सरकार चलाना इस नए गठबंधन के लिए आसान नहीं होगा. रस्मअदायगी से पहले ही डिमांड का दौर शुरू हो चुका है. देखते हैं इस ग्रेट इंडियन पॉलीटिकल सर्कस में आगे और क्या क्या करतब देखने को मिलते हैं.