ये सपना बाल ठाकरे ने ही तो देखा था कि हिंदुत्व का परचम बुलंद रहे. लेकिन सत्ता की खातिर उद्धव ठाकरे के राज में शिवसेना ने सारे सिद्धांत ताक पर रख दिए. पर भतीजे राज ठाकरे को अब तक बाल ठाकरे की एक एक बात याद है. इसलिए मनसे के पहले महाधिवेशन पर राज ठाकरे ने अपने झंडे को ही भगवा रंग से रंग दिया है. बस फिर क्या था. मनसे की भगवा राजनीति में लगी इस छलांग से डर कर उद्धव ने राम की शरण में जाना ही बेहतर समझा. लिहाजा शिवसेना सरकार के सौ दिन पूरे होने के बहाने उद्धव ठाकरे अयोध्या जाएंगे. संजय राउत ने ट्वीट कर ये भी कह दिया कि रामजी के आशीर्वाद से सरकार आगे के काम काज करेगी. अब ये देखना दिलचस्प होगा कि भगवा राजनीति पर राम भक्ति भारी पड़ती है या फिर कांग्रेस उद्धव के इरादों पर पानी फेर देती है. आप किसी तरफ हैं भगवा झंडे के या कांग्रेस समर्थित शिवसेना के कमेंट बॉक्स में कमेंट कर बताएं.