कोरोना वायरस से दुनियाभर में तबाही मची हुई है लेकिन मध्यप्रदेश सरकार के लिए यही कोरोना वायरस वरदान साबित हो रहा है. क्योंकि इस वायरस के बहाने कमलनाथ को सरकार बचाने का नया फॉर्मूला मिल गया है. दरअसल बीजेपी की डिमांड ये है कि कमलनाथ सरकार सत्र से पहले ही फ्लोर टेस्ट करवाए. सत्र शुरू होता और कमलनाथ सरकार को फ्लोर टेस्ट देना पड़ता. फिलहाल कमलनाथ ये अच्छे से जानते हैं कि फ्लोर टेस्ट को पास करने लायक नंबर उनके पास हैं नहीं. ऐसे में सियासी दांवपेंच से ज्यादा भरोसा उन्होंने कोरोना वायरस पर किया है. जिसका बहाना लेकर कमलनाथ सरकार ने बजट सत्र को स्थगित कर दिया है. सोलह मार्च से होना वाला सत्र अब 26 मार्च तक के लिए टाल दिया गया है. कारण बताया गया है कोरोना वायरस. सिर्फ इतना ही नहीं वायरस की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने स्कूल कॉलेजों में छुट्टी भी डिकलेयर कर दी है. यानि कोरोना के सहारे कमलनाथ सरकार को बचाने की एक और कोशिश कर रहे हैं. इस उम्मीद पर की जितना ज्यादा वक्त मिलेगा रूठे विधायकों की वापसी के लिए उतने ही रास्ते खुलते चले जाएंगे.