बुरहानपुर के प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट तकरीबन तीन महीने बाद यहां पहुंचे. अब इतने लंबे अंतराल के बाद मंत्री अगर प्रभारी जिले में पहुंचेंगे तो क्या होगा. उतावले कार्यकर्ता तो उनसे सबसे पहले मिलना चाहेंगे. ऐसा ही हुआ भी. मंत्रीजी रेस्ट हाउस में पहुंचे. रेस्ट कर पाते उससे पहले ही कार्यकर्ताओं की फौज वहां पहुंच गई. बाहर निकलने में उन्हें जरा देर क्या हुई. कार्यकर्ता तो आपस में ही भिड़ गए.
बुरहानपुर के अलावा खंडवा से भी यहां कार्यकर्ता पहुंचे थे. पहले मैं पहले मैं की फिक्र में यही भूल गए कि वो एक ही पार्टी के हैं. मामला तब शांत हुआ जब खुद मंत्रीजी बीच बचाव करने पहुंचे.