मध्यप्रदेश में टिकिट वितरण के बाद भाजपा और कांग्रेस दोनों दलो मे असंतोष के स्वर उभरे थे ,जो कार्यकर्ता नाराज थे उन्हे मनाने के लिए हर संभव प्रयास किए गए थे ,जिसमें से अधिकतर लोग मान गए लेकिन कुछ कार्यकर्ता ऐसे भी थे जो नहीं माने और उन्होने या तो चुनाव प्रचार से दूरी बना ली या फिर भीतरघात शुरू कर दिया था । ऐसे लोगो की सूची प्रत्याशियों द्वारा तैयार कर जिला अध्यक्ष को सौपी जाएगी जिसके बाद यह सूची अनुशासन समिति को भेजी जाएगी । जिस पर चुनाव परिणाम आने के बाद कार्रवाई की जाएगी । इस सूची मे पार्टी पदाधिकारी ,पार्षद और निगम मण्डल के पदाधिकारियों पर विशेष नजर है क्योकि इनमे ज़्यादातर लोग खुद टिकिट की दावेदारी कर रहे थे। पर जब उन्हे टिकिट नहीं मिला तो वह नाराज हो गए और पार्टी से बगावत कर दी थी।